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बात उन दिनों की है जब परेशानियों से घिरे थे part -

बात उन दिनों की है जब परेशानियों से घिरे थे part -3
तो लिखा है 
मेरे पास कुछ करने को नहीं है 
एक विचलित मन है तो बेचैन किए हुए है 
पता नहीं कब हंसी होंगी 
झूठी हंसी लिए अपनी राह से भटक गए हैं 
हम किसी भंवर में को गए हैं 
मां है जो खाना देती है तो खाते हैं 
वरना खाने से भी लगाव छोड़ चुके हैं 
तलाश है उस दिन की जब मुकद्दर साथ होगा 
वरना किस्मत से भरोसा छोड़ चुके हैं ।।

©NISHA DHURVEY
  बीते हुए मुश्किल  घड़ी पार्ट -3
#Dark

बीते हुए मुश्किल घड़ी पार्ट -3 #Dark #ज़िन्दगी

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