ये रास्ते! ये देखते है हर रोज़ सूरज को उगते-डूबते, हर रोज़ अंधेरा छा जाता है इन्हीं की निगहबानी में और इन्हीं की नज़रों के सामने उग आती है छिछलती धूप, दूर क्षितिज से, तभी तो रास्ते कभी रुकते नहीं, क्योंकि ये जानते हैं, कि हर रात के बाद सवेरा तय है, और ना किसी को रोकते हैं क्योंकि ये यह भी जानते हैं कि आज सवेरा है तो कल अंधेरा तय है। #hopeful