जब भी तुम अपने दिल का कमरा खाली पाओगी मैं आ जाऊंगा... जब भी शाम ढले तन्हाई में मेरी याद सतायेगी मैं आ जाऊंगा... जब भी मेरी याद में तुम्हारी आंखे बन जाये झरना तुम पलके बन्द करके बस दस तक गिनती करना मैं आ जाऊँगा।। #Muntashir