मैं नासमझ, अल्हड़, नादान, मुझे दुनियादारी की कहाँ समझ, लेन-देन के हिसाबों से अनजान, हर शख्स लगे हमें मेहरबान, बचपन के इन गुण के, जहाँ में कितने मिल पाते कद्रदान। मैं नासमझ मुझको नहीं जग की समझ। #नासमझ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #drnehagoswami