हम तो सब कुछ लुटा के तेरे राह में बैठे हैं तु भी तो कभी राह में दिखाई दे हमे,, दिल में याद तेरी अब्र की तरह हैं मौसम हिज़्र का सहरा दिखाई दे हमे,, तुमसे दूर रहकर एक आग में जल रहे हैं हम वस्ल का मंज़र बस ख्वाब मे ही दिखाई दे हमे,, सहम सी जाती हैं मेरी हर नज़र जब तू किसी और के साथ दिखाई दे हमे ,, तेरा सोचते ही कुछ खो से जाते हैं हम हर एक ज़र्रे में बस तू ही दिखाई दे हमे,,