सार्थक सवालों के, मनमाने वाक्यांशों के साथ, तुम्हारा जवाब...... मुझे तुम्हें पूछने में तुम्हें कुछ कहने में, बहुत देर हो चुका है। शायद!मुझे कुछ समय लगेगा... अपनी अधूरी कहानी को, फिर से समझने में। अविश्वसनीय रूप से, सांसारिक दुनिया में, संभवतः हमारी कहानी में, अंतर हो सकता है। क्योंकि सच्चाई यह है कि... आधे-अधूरे साधन में प्यार, कभी-कभी..हमेशा से, अपना रास्ता बदल लेता है। क्योंकी ? प्रकृति के, सरल और दयालु, इशारों को समझने के लिए, कभी-कभी दर्द होना, और खुद को समझना ही, मेरे लिए बेहतर विकल्प है। -राजीव ©Rajiv मैं और मेरी कविताएं