अपने लेखन को मध्यम आंच में भुंजे सुनहरा होने तक फिर विचारों का भोजन परोसे.... बड़े शब्दों से विचारों की सजावट ठीक है मगर पढ़ कर दर्शकों को कोई स्वाद ना मिले फिर यही हार है..... #बेजार (अप्रसन्न )महफ़िल लेखक की हार है..... ©Mallika #apart