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मेरे आस-पास ये वृक्ष, ये पौधे, ये पुष्प देख रहे है

मेरे आस-पास ये वृक्ष, ये पौधे, ये पुष्प देख रहे है आप? है ना सुन्दर? क्योंकि आपने इन्हें देखा है। इसी प्रकार जब प्रेम की बात आती है लोग किसी का मुख स्मरण कर लेते है।

ऐसी आँखे, वैसी मुस्कान, तिरछी भृकुटि, घने केश, पर क्या यही प्रेम का अस्तित्व है?

नहीं, ये उस शरीर का अस्तित्व है जिसे हमारी आँखों ने देखा और हमने स्वीकार कर लिया। परन्तु प्रेम, प्रेम भिन्न है, प्रेम उस वायु की भांति है जो हमें दिखाई नहीं देता, किन्तु वही हमें जीवन देता है।

संसार किसी स्त्री को कुरूप कह सकता है, क्योंकि वो उसे अपनी तन की आँखों से देखता है। परन्तु संतान उसी माता को संसार में सबसे सुन्दर समझता है, क्योंकि वो भाव से देखता है।

तन की आँखों से देखोगे तो वैसे ही पहचान नहीं पाओगे जैसे राधा मुझे पहचान नहीं पाई। इसलिए यदि प्रेम को पाना है तो मन की आँखे खोलो और प्रेम से कहो राधे-राधे! #Krishna_Vaani
#Inspirational_thought
#Motivation 
   #KeshavJhashandilya 

#shadesoflife
मेरे आस-पास ये वृक्ष, ये पौधे, ये पुष्प देख रहे है आप? है ना सुन्दर? क्योंकि आपने इन्हें देखा है। इसी प्रकार जब प्रेम की बात आती है लोग किसी का मुख स्मरण कर लेते है।

ऐसी आँखे, वैसी मुस्कान, तिरछी भृकुटि, घने केश, पर क्या यही प्रेम का अस्तित्व है?

नहीं, ये उस शरीर का अस्तित्व है जिसे हमारी आँखों ने देखा और हमने स्वीकार कर लिया। परन्तु प्रेम, प्रेम भिन्न है, प्रेम उस वायु की भांति है जो हमें दिखाई नहीं देता, किन्तु वही हमें जीवन देता है।

संसार किसी स्त्री को कुरूप कह सकता है, क्योंकि वो उसे अपनी तन की आँखों से देखता है। परन्तु संतान उसी माता को संसार में सबसे सुन्दर समझता है, क्योंकि वो भाव से देखता है।

तन की आँखों से देखोगे तो वैसे ही पहचान नहीं पाओगे जैसे राधा मुझे पहचान नहीं पाई। इसलिए यदि प्रेम को पाना है तो मन की आँखे खोलो और प्रेम से कहो राधे-राधे! #Krishna_Vaani
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   #KeshavJhashandilya 

#shadesoflife