हवाओं की मनिंद भी बह के देखो.. फ़लक की बुलंदी को रह-रह के देखो। सदाक़त शहादत, तहारत ,दियानत.. ये ईमां के घर हैं यहां रह के देखो। _Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "सदाक़त" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example: