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क्या तुम्हारी किसी कहानी का, किरदार भी था मैं? बस

क्या तुम्हारी किसी कहानी का,
किरदार भी था मैं?
बस सोचता हूँ इतना,
कितना नादान था मैं!

हर-रोज़ दुआओं में,
बस तुमको माँगता मैं,
क्यूँ चाहा तुमको इतना,
कितना नादान था मैं!

तुम्हारी कही हर बात,
ख़ुशी से मानता मैं,
कोई चाहे मुझसे ज़्यादा,
तो फिर मानता मैं,
जाकर अंधरो की फिर,
यूँ ख़ाक छानता मैं,
था चाहा बस तुम्ही को,
कितना नादान था मैं!

चाहत थी ये मेरी,
था साथ चाहता मैं,
दिल के तुम्हारे सारे,
हर राज़ जनता मैं,
तुम चाहो या न चाहो,
तुम्हे तो चाहता मैं,
बस चाहा तुमको इतना,
कितना नादान था मैं!

आख़िर में बस तुम्ही को,
तुमसे ही माँगता मैं,
बस एक बार कह दो,
अभी भी हूँ यहाँ मैं,
ये चाहता हूँ अब भी,
वो चाह ले मुझे अब,
क्यों सोचता हूँ इतना,
कितना नादान हूँ मैं!

©Shahil Khan
  #Flower plz last tak padhiye bahut mehnat se likhi h...💔 Shahil Khan
shahilkhan3482

Shahil Khan

New Creator

#Flower plz last tak padhiye bahut mehnat se likhi h...💔 @Shahil Khan #प्रेरक

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