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White आदमी जब से हुआ है होशियार।। दर हक़ीक़त हो

White 

आदमी जब से हुआ है होशियार।।
दर हक़ीक़त हो गई है दर-किनार।।

शातिराना, जो तबीयत, खासदार।
नागरिक की भूमिका है कामगार।।

हाथ अपने काट जनता मांगे खैर।
खूब फलता देखिए यह कारोबार।।

खैरियत की बात अब किस से करें।।
सर बिठाए जो अगाऊ दाग़दार।।

ओढ़ बैठे ताज ढोंगी बददिमाग।
पांव जूती हो गए हैं ख़ाकसार।।

आस्था के शोरोगुल में दब-कुचल।
हो गई है मौन मुफ़लिस की पुकार।।

रोज़ मंदिर और मस्जिद का बखान।
दीनो-मजहब बन गए हैं रोज़गार।।

क्या कहें, नौ नस्ल के, रूझान को।
हाथ खाली, कुंभ नहाने, का खुमार।

दीदनी सैयाद की दर्या दिली।
दाद देने खुद चला आए शिकार।।

दीन-हीनों की कमाई मार खास।
खूब करते मौज मस्ती बेबहार।।

झूठ का जलवा नुमायां हर जगह।
साफगोई का नहीं कोई पैरोकार।।

वक्ते- रुखसत हाले दिल पूछा नहीं।
बैठ 'विष्णु' कीजिए अब इन्तज़ार।।

©Vishnu Hallu #Thinking  status sad sad quotes about life and pain sad status in hindi sad shayri sad quotes
White 

आदमी जब से हुआ है होशियार।।
दर हक़ीक़त हो गई है दर-किनार।।

शातिराना, जो तबीयत, खासदार।
नागरिक की भूमिका है कामगार।।

हाथ अपने काट जनता मांगे खैर।
खूब फलता देखिए यह कारोबार।।

खैरियत की बात अब किस से करें।।
सर बिठाए जो अगाऊ दाग़दार।।

ओढ़ बैठे ताज ढोंगी बददिमाग।
पांव जूती हो गए हैं ख़ाकसार।।

आस्था के शोरोगुल में दब-कुचल।
हो गई है मौन मुफ़लिस की पुकार।।

रोज़ मंदिर और मस्जिद का बखान।
दीनो-मजहब बन गए हैं रोज़गार।।

क्या कहें, नौ नस्ल के, रूझान को।
हाथ खाली, कुंभ नहाने, का खुमार।

दीदनी सैयाद की दर्या दिली।
दाद देने खुद चला आए शिकार।।

दीन-हीनों की कमाई मार खास।
खूब करते मौज मस्ती बेबहार।।

झूठ का जलवा नुमायां हर जगह।
साफगोई का नहीं कोई पैरोकार।।

वक्ते- रुखसत हाले दिल पूछा नहीं।
बैठ 'विष्णु' कीजिए अब इन्तज़ार।।

©Vishnu Hallu #Thinking  status sad sad quotes about life and pain sad status in hindi sad shayri sad quotes
vikramjinagal4007

Vishnu Hallu

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