ये दीवारे भी कभी कभी चुपके से कहती हैं हां,तुम सिर्फ़ तुम तुम ही तो हो मेरे दिल का सुकुन तनहाई का सुकून जो हर वक्त साए की तरह इस दिल में कैद हो उम्र भर के लिये किसी अजनबी की तरह गुमसुम सी गुमनाम सी जिंदगी में एक दूजे के सुख दुख के दोस्ती का रिश्ता जो बंधनमुक्त है इस तन्हाई की दिवारे से ©Sunita Chhattani दिवारे 🤗