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घरों से निकले हैं भूखे-प्यासे घरों को जाने के लिए,

घरों से निकले हैं भूखे-प्यासे घरों को जाने के लिए,
रस्ते में कभी लाठियां, कभी ठोकर, कभी उम्मीद खाते हैं।

~Hilal #Mazdoor
घरों से निकले हैं भूखे-प्यासे घरों को जाने के लिए,
रस्ते में कभी लाठियां, कभी ठोकर, कभी उम्मीद खाते हैं।

~Hilal #Mazdoor