कितना कुछ तो बदलने लगा है, अब और क्या बाकी रह गया है। सब कुछ तो अपने राग में नाचने लगा है, अब कौन बैराग रहने लगा है।। अब सब कुछ तो बदलने लगा है, अब और क्या बाकी रह गया है। सब बांसुरी की धुन में खोने लगे हैं, अब कौन बेधुन रहने लगा है।। इतना कुछ तो भी बदलने लगा है, और क्या बाकी रह गया है।। ❣❣❣