कहे नरहरि दिल्लीपत जहांगीर सुनो, कहे नरहरि दिल्लीपत जहांगीर सुनो , गाया आई है ले फ़रियाद , बादशाह सांचों न्याय करो ।। गूंगी गाया रे नैना माई नीर भयो , किन कारण हिंद में काटी जाय। ऐसो रे काई जुल्म कीयो।। कर दे करोड़ गुनाह वाने माफ़ी मिले , धर तिनकों मुख गौ बण जाय, दिल्लीपत थोड़ो ध्यान धरो, मै तो गौ हां संचोडी वन में घास चरा, बिन दोष क्यूं मारी ए जाय , बादशाह सांचों न्याय करो ।। मै तो जाणा नही ओ कीनी जात में , मै तो समझा नही ओ किनी कौम में , दूध दही घी करायो अमृत पान , किनी ने नही ज़हर दियो ।। मारे सगला जना है एक सार सदा , मारो किणी सु नही है भेदभाव , दिल्लीपत थोड़ो ध्यान धरो ।। मर के गौ जो पहरावे सब ने मोजडिया, कंकर कांटा जहरी जीवा सु बचाय, दयालु थोड़ो ध्यान धरो ।। मरिया काम आवे है गौ रा हाड़का , नही है गौ सु कोई नुक़सान , दिल्लीपत सांचों न्याय करो ।। कहे बादशाह लखावत नरहरि दास सुनो , आज सु करयो ऐलान हिंदुस्थान , गौ री कटनी बंद करयो , गौ वध बंद कियो मुग़लकाल , सोने रो इतिहास रच्यो ।। कवि:- विष्णु शंकर राजाराम नाहेलिया (महाकवि नरहरि दास के संग्रहालय से ) ©Vishnu Naheliya #गौ #motivate #SAD #Love