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White जीवन में जीवन हो ही ये ज़रूरी तो नहीं। ज़िंद

White जीवन में जीवन हो ही ये ज़रूरी तो नहीं।
ज़िंदा दिखना महज़ काफ़ी है।
बड़ी मुद्दत के बाद फिर एक बार मर के जिया हूं
एक बार और मरने के लिए।
एक जाती हुई और एक आती हुई सांस के बीच में
जो जगह बचती है वो ही जीवन है।
कैसे कतरा कतरा बटोरते है हम और जोड़ते जाते है
एक सांस को दूसरी सांस के साथ ।
इसी जद्दोजहद में आधी बीत गई और आधी भी बीत जायेगी।
तुम जीना और ज़रूर जीना शायद मेरी सांस कुछ और देर चल सके।
मुझे सच पसंद है और सच में मृत्य से बढ़कर और कोई सच नही इस धरती पर ।आना उसका तय है।जो तय है उसका अब मुझे इंतज़ार हैं

©Aditya kumar prasad
  मेरे अनकहे अल्फाज़ 

 Lalit Saxena R... Ojha Niaz (Harf) Sethi Ji Sharma_N

मेरे अनकहे अल्फाज़ @Lalit Saxena @R... Ojha @Niaz (Harf) @Sethi Ji @Sharma_N #Shayari

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