मैं अक्सर सोचता हूँ कि अब तुम होती तो कैसी दिखती..सर नीचे करके मुस्कुराने की आदत अभी भी जारी होती क्या..तुम्हारी वो काली आंखे अभी भी उसी तरह प्यारी होती क्या, तुमको कभी साड़ी में देखा नही है, मगर अब अगर तुमको सोचूँ तो साड़ी में ही सोचता हुँ। आँख बंद करता हुँ जब भी तो बिंदी और सिंदूर में तुमको ही देखता हुँ..। तुम्हारे पैर में बिछिया कैसा लगता होगा। मैं ये दावा कर सकता हुँ कि सीधे पल्ले की साड़ी में तुम्हारा व्यक्तित्व और चमकता। तुम पहले लिप-ग्लॉस लगाती थी,अब होती तो शायद लिपस्टिक पर आ जाती। पूजा अब भी करती न मेरे लिए,मंदिर तो जाती न ,या इस नए जमाने में मुझे भूल जाती। मैं अक्सर सोचता हुँ कि अब तुम होती तो कैसी लगती। मेरा प्यार😘😘😘 #agar_tum_hoti_to