हर कोई दौड़ रहा है, मंजिल जाने बगैर मोहब्बत कर रहा है, दिल जाने बगैर फलसफा तैरने का कौन समझेगा यारा दरिया को और साहिल जाने बगैर ©Kamlesh Kandpal #Shaayari