फिर ये सोच कर हाथ जला बैठा मैं किस बेवफ़ा से दिल लगा बैठा मैं वो जला रही किसी और घर का दीया अपने घर का दीया बुझा बैठा मैं इश्क़ वफ़ा सब किताबी बातें जिंदगी को किताबी बना बैठा मैं चांदनी की जुस्तजू में आतिश को हाथ लगा बैठा मैं दीपावली बेशक तुम्हें मुबारक जाना अपना सबकुछ तो गवां बैठा मैं ©कमल यशवंत सिन्हा 'तिलसमानी' #Diwali #Deepawali #ishq #Pain #Festival #Love #Loneliness