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अक्सर बैठ जाता हूं तन्हा में कुछ यादों कुछ लम्हों

अक्सर बैठ जाता हूं तन्हा में कुछ यादों
कुछ लम्हों के साथ फिर सोचता हूं की 
क्या करूंगा किसी से मोहब्बत करके 
मैं काफी है मेरे लिए उसकी बेपनाह 
चाहत के वो दो पल Dil ki baatein
अक्सर बैठ जाता हूं तन्हा में कुछ यादों
कुछ लम्हों के साथ फिर सोचता हूं की 
क्या करूंगा किसी से मोहब्बत करके 
मैं काफी है मेरे लिए उसकी बेपनाह 
चाहत के वो दो पल Dil ki baatein
upaala7074067339981

Vijay Tyagi

New Creator

Dil ki baatein #Shayari