हाथ में हो किताब पढ़ने दो, ख्वाब आंखों में खुद के पलने दो, उनमें कूबत है आसमां छू लेंं, खोल दो पंख उनको उड़ने दो। है हुनर उनमें बस निखरने दो, खुद से उनको जरा संवरने दो, साथ चलना है हमसफ़र बनके, राह तय उनको खुद ही करने दो। #शैलशायरी #गज़ल #लड़कियां #शैलशायरी