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किसी रोज याद न कर पाउ तो ,,,, खुदगर्ज न समझ लेना म

किसी रोज याद न कर पाउ तो ,,,, खुदगर्ज न समझ लेना मेरे यार ।
दरअसल इस छोटी सी उम्र में परेशानियां बहुत है में भुला नही कि मेरे बहुत अच्छे दोस्त है जमाने में,,
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है
दो वक्त की रोटी कमाने में।-              -  सिद्धार्थ पाठक सिर्फ तुम्हारे लिए
किसी रोज याद न कर पाउ तो ,,,, खुदगर्ज न समझ लेना मेरे यार ।
दरअसल इस छोटी सी उम्र में परेशानियां बहुत है में भुला नही कि मेरे बहुत अच्छे दोस्त है जमाने में,,
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है
दो वक्त की रोटी कमाने में।-              -  सिद्धार्थ पाठक सिर्फ तुम्हारे लिए

सिर्फ तुम्हारे लिए