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ख्वाहिश अब बस इतनी सी रही है। कि उम्मीदें अब किसी

ख्वाहिश अब बस इतनी सी रही है।
कि उम्मीदें अब किसी से ना हो।
कई बार टूटा हूं, अब और बर्दाश्त नहीं होता
कि दिल मेरा और खेल कोई और खेले।
*अजेय* #अब_और_नहीं SHAH ALAM @poetry by heart  आशीष रॉय 🇮🇳 ❣️ℝ𝕠𝕪 𝕄𝕖𝕘𝕙𝕒❣️ Neha Dodiya
ख्वाहिश अब बस इतनी सी रही है।
कि उम्मीदें अब किसी से ना हो।
कई बार टूटा हूं, अब और बर्दाश्त नहीं होता
कि दिल मेरा और खेल कोई और खेले।
*अजेय* #अब_और_नहीं SHAH ALAM @poetry by heart  आशीष रॉय 🇮🇳 ❣️ℝ𝕠𝕪 𝕄𝕖𝕘𝕙𝕒❣️ Neha Dodiya
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Ajay Shukla

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