तेरी तारीफ में हम क्या लिखते वाह लिख दिया अब और क्या लिखते मोहब्बत जिस्मों से तो नुमाया नहीं होता अब इसे तिजारत न लिखते तो क्या लिखते ____अमितेश निषाद तेरी तारीफ में हम क्या लिखते वाह लिख दिया अब और क्या लिखते मोहब्बत जिस्मों से तो नुमाया नहीं होता अब इसे तिजारत न लिखते तो क्या लिखते अमितेश निषाद