शबनमी ओस की बूंदे ठहर जाती है पत्तों पर मोती बनकर जिस तरह,, है ख्वाहिश मेरी भी मेरी जिंदगी में ठहर जाओ तुम भी बिल्कुल उसी तरह ।। — पूरा अनुशीर्षक में पढ़ें ।। 🙏🙏 ©Alfaj. E.Chand. (Moon ) शबनमी ओस की बूंदे ठहर जाती है पत्तों पर मोती बनकर जिस तरह,, है ख्वाहिश मेरी भी मेरी जिंदगी में ठहर जाओ तुम भी बिल्कुल उसी तरह ।। जो चले जाओगे तुम जिंदगी से मेरे ; कैसे रहूंगी मैं बिना तेरे ,, ये ख्याल जब भी जेहन में मेरे आता है ;