बादलों कि नमी, और सर्द दिल भी ख़ामोश है ठंढ का तो पता नही, कम्बल भी आगोश है कैसे कटे ये लम्हा हुस्न ए बहार का तुम बिन घर मे तो हर पल गर्मी है मगर बाहर अभी ओश है happy winter