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कौनसा रंग डालु आज , मैं मानवता के मुख पर । सहज नही

कौनसा रंग डालु आज ,
मैं मानवता के मुख पर ।
सहज नही रह पाता मैं ,
अन्तेर्वेदना के दुःख पर ।

हरा बंटा , केसरिया बंटा ,
नीला बंटा , अब क्या बचा ।
मानवता का फलता पेड़ ,
जाने कितनी बार कटा ।

कोई रंग न अब है बचा ,
कैसे मैं खुशियो संग खेलूं ।
- राणा ★ © रंग
कौनसा #रंग डालु आज ,
मैं #मानवता के #मुख पर ।
सहज नही रह पाता मैं ,
#अन्तेर्वेदना के #दुःख पर ।

#हरा बंटा , #केसरिया बंटा ,
#नीला बंटा , अब क्या बचा ।
कौनसा रंग डालु आज ,
मैं मानवता के मुख पर ।
सहज नही रह पाता मैं ,
अन्तेर्वेदना के दुःख पर ।

हरा बंटा , केसरिया बंटा ,
नीला बंटा , अब क्या बचा ।
मानवता का फलता पेड़ ,
जाने कितनी बार कटा ।

कोई रंग न अब है बचा ,
कैसे मैं खुशियो संग खेलूं ।
- राणा ★ © रंग
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मैं #मानवता के #मुख पर ।
सहज नही रह पाता मैं ,
#अन्तेर्वेदना के #दुःख पर ।

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#नीला बंटा , अब क्या बचा ।
rajeshsuryavansh1699

Rajesh Raana

Silver Star
Growing Creator