फरवरी में मिलना, दिसम्बर में बिछड़ जाना कुछ ऐसा है जैसे जीते-जीते मर जाना __मुकेश जी- फरवरी में मिलना, दिसम्बर में बिछड़ जाना कुछ ऐसा है जैसे जीते-जीते मर जाना