White सब तो अपना दुःख बता देते हैं जो सिर्फ़ सुन लेता है वो पिता कहलाता है जो सबकी ख्वाहिशों को पुरा करने का सोचता है और अपनी ख्वाहिशें अंदर ही दबा लेता है और कहे भी तो किससे ,उनका दर्द समझने वाला भी कोई नहीं होता है अपनी आंसुओं को छिपा कर वो हर बार हंसता हुआ नज़र आता है वो पिता कहलाता है मैने देखा है बहुत करीब से उनका उदास चेहरा जो उनकी झूठी मुस्कान में भी नजर नहीं आता है वो अपनी उदासियों में भी खुश ही रहता है वो कोई और नहीं पिता कहलाता है सबकी बातें सुन कर सबकी ख्वाहिशें जान कर वो घर से जल्दी निकल जाता है वो कोई और नहीं पिता कहलाता है हर ख्वाहिशों को मारा अपने हर इच्छाओं का कत्ल किया उन्होंने , अपने घर में खुशियां लाने के लिए वो अपना हर खुशी कुर्बान कर आया है वो कोई और नहीं पिता कहलाया है मैने सबके आंखों में आंसु देखा है सबको छोटी सी बात पर परेशान होते देखा है इतनी उलझनों में भी जो मुस्कुराया है वो पिता कहलाया है नहीं देखा होगा किसी ने उन्हें रोते , नही देखा होगा किसी से इनका दुःख कहते इतना कुछ सह कर भी जो ख़ुद से संभला है अपनों के लिए वो हर एक से लड़ा है वो कोई और नहीं पिता कहलाया है वो पिता कहलाया है। । ©Ruhi pita ki kahani चाँदनी @R