जल जल के ही तो रोशन होऊंगा आग से सूरज की किरणें कभी जलती नही, थकान को थका देते है होंसले हमारे जैसे चींटी गिर गिर कर भी थकती नही, हमे क्या राख करेगी तेरी नज़रो की जलन नागिन कभी ज़हर से मरती नही, टूट जाता है वो तारा जिसे घमंड हो वर्ना आसमान में तारो के लिए जगह कभी घटती नही, हमे क्या बदनाम करेगा बेनाम चिक्कड़ सुनामियों से समुंदर में लहरे कभी डूबती नही, जाने वाले बेवजह ही चले जाते है ज़िन्दगी से अपनी परछाई तेज धूप में भी साथ छोड़ती नही, झूठी बातो से दर्द ज़ाहिर करते है कुछ लोग किसी की आँखे आँसुओ के भार तले बोलती नही, शायरा हूँ हरफो से शिकार करती हूं ज़ुबान में विष कभी "सुमन" घोलती नही, Danish Nawab Khan JAnArDaN उर्फ़ JD