जख्म जख्म दिए हैं उस ने ऐसा मरहम की तलाश है वक्त वक्त पर जख्म मिले हैं बस उनकी ही फरियाद है,,, आंखें नम है मेरी बस रूह को इंतजार है ना करू मैं गीला किसी से ना करूं में सिकवा जब अपनों ने ही जख्म दिए हैं तो क्यों करूं किसी की परवाह। दर्द है मेरे अन्दर #NightPath