कभी तुम, नंगे पांव आना मुझसे मिलने., ताकि मैं, सहेजकर रख सकूं., तुम्हारे 'पदचिह्नों' की उन स्मृतियों को.. और, तुम्हारी अनुपस्थिति में भी., कभी-कभी लुफ़्त ले सकूं, मैं तुम्हारे आगमन का.. - βαℓяαм #पदचिह्न