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माँ घर का गौरव तो पिता से घर का आस्तित्व होता है,

माँ घर का गौरव तो पिता से घर का आस्तित्व होता है,
माँ के पास अश्रुधारा तो पिता के पास संयम होता है,
दोनों समय का भोजन माँ बनाती है तो, 
जीवन भर भोजन की व्यवस्था करने वाले पिता को सहज ही भूल जाते हैं, 
कभी ठोकर या चोट लगने पर ओ माँ ही मुँह से निकालता है,
 लेकिन रास्ता पार करते समय कोई ट्रक पास आकर ब्रेक लगाये
 तो बाप रे यही मुँह से निकालता है,
क्यों कि छोटे छोटे संकटों के लिए माँ है पर बड़े संकट आने पर पिता ही याद हैं, 
पिता एक वट वृक्ष हैं जिसकी शीतल छांव में सम्पूर्ण परिवार सुख से रहता है..!!

©Karan Yaduvanshi #Happy_fathers_day_papa ❤️
#Love_u_papa ❤️😘
माँ घर का गौरव तो पिता से घर का आस्तित्व होता है,
माँ के पास अश्रुधारा तो पिता के पास संयम होता है,
दोनों समय का भोजन माँ बनाती है तो, 
जीवन भर भोजन की व्यवस्था करने वाले पिता को सहज ही भूल जाते हैं, 
कभी ठोकर या चोट लगने पर ओ माँ ही मुँह से निकालता है,
 लेकिन रास्ता पार करते समय कोई ट्रक पास आकर ब्रेक लगाये
 तो बाप रे यही मुँह से निकालता है,
क्यों कि छोटे छोटे संकटों के लिए माँ है पर बड़े संकट आने पर पिता ही याद हैं, 
पिता एक वट वृक्ष हैं जिसकी शीतल छांव में सम्पूर्ण परिवार सुख से रहता है..!!

©Karan Yaduvanshi #Happy_fathers_day_papa ❤️
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