जब आस तुझसे की तूने भी कुछ वक्त ही सही साथ निभाया था... ज़िंदगी साथ जीने का वादा क्या खूब एहसास बनाया था ! गलतफैमी से सब तबाह हुआ 'गलत में नही फिर क्या हुआ.. अब अपसोस करना आसान है.. सफ़र का साथी मिला गिला हुआ सिखवा मिला दर्द इतना के अबसर सूखने के बाद भी कब रुके हे... कास ये सब भ्रम होता.. ! काश यह सब झूठ होता.. ! ©G0V!ND DHAkAD #regret i wish it was all a lie...