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जो शुरू हो के ख़त्म हो जाए वो मोहब्बत नहीं आकर्षण ह

जो शुरू हो के
ख़त्म हो जाए
वो मोहब्बत नहीं
आकर्षण होता है!!
क्योंकि मोहब्बत
वो एहसास है जिसकी
न शुरुआत होती है
न ही अंत होता है!!
यह तो है बंदगी दिलों की
जिसमें दो जिस्म 
मग़र इक जान होती है
दूर होकर भी जिसमें
ख़त्म न कभी प्यार होता है!!

©Deepak Bisht #कंचन-ए-मोहब्बत
जो शुरू हो के
ख़त्म हो जाए
वो मोहब्बत नहीं
आकर्षण होता है!!
क्योंकि मोहब्बत
वो एहसास है जिसकी
न शुरुआत होती है
न ही अंत होता है!!
यह तो है बंदगी दिलों की
जिसमें दो जिस्म 
मग़र इक जान होती है
दूर होकर भी जिसमें
ख़त्म न कभी प्यार होता है!!

©Deepak Bisht #कंचन-ए-मोहब्बत