बचपन में अक्सर स्कूल के बाहर एक ठेला वाला होता था। उसके ठेले पर बर्फ होती थी। और रंग-बिरंगे अलग स्वादानुसार तरल पदार्थ से भरी हुई बोतलें। ऐसा लगता था मानो जैसे सारी दुनिया के रंग उसके पास हो। बच्चों की छुट्टी के समय उसके चेहरे पर एक अलग ही तरह की रौनक आ जाती थी। बच्चे भी उत्साह से उसके पास दौड़ कर जाते थे सबसे पहले पहुँचने की होड़ को लेकर। अंकल वो खट्टा वाला, मीठा वाला, नहीं नहीं कच्चा आम वाला। बच्चों को समझ ही नहीं आता था कि कौन सा रंग डलवाए बर्फ के गोले पर। जब ठेले वाला बर्फ घिसता था ऐसा लगता था जैसे खुद को घिस रहा हो। हमने भी पापा से कहा खाने को पर उन्होंने मना कर दिया कि गला खराब हो जाएगा। हमने भी जिद नहीं की। हम रोज स्कूल की खिड़की से उसे देखते। अचानक उसका आना बंद हो गया। कुछ दिनों बाद पता चला कि जब वो घर को जा रहा था तो किसी कार ने उसे टक्कर मार दी और उसका रंग बिखर गया सड़कों पर। हमने भी तब से लेकर आज तक कभी बर्फ का गोला नहीं खाया जिंदगी में!!!!! #YQbaba #YQDidi #बर्फगोला