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रिम-झिम बरसात में सजाए थे कुछ ख्वाब तुम्हारी चाहतो

रिम-झिम बरसात में सजाए थे कुछ ख्वाब
तुम्हारी चाहतों की सांसे टूट गयी
आया जभी उनका जवाब,

        गम को बह जाने दो इसी बरसात में
कहीं राह देखते न रह जाओ तुम
तुम आओंगे अभी-अभी, अभी इसी इंतज़ार में...

©payal kuwar # अरमानों की बहती नदियां
रिम-झिम बरसात में सजाए थे कुछ ख्वाब
तुम्हारी चाहतों की सांसे टूट गयी
आया जभी उनका जवाब,

        गम को बह जाने दो इसी बरसात में
कहीं राह देखते न रह जाओ तुम
तुम आओंगे अभी-अभी, अभी इसी इंतज़ार में...

©payal kuwar # अरमानों की बहती नदियां
santoshi1285

payal kuwar

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