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मेरा एकांत.... बहुत देर से ,बहुत दूर तक खोजा है ख

मेरा एकांत....

बहुत देर से ,बहुत दूर तक खोजा है ख़ुद को,
शून्य से अनंत की तलाश में,
सहमा हुआ सा ठहरा सा मन
अनगिनत ख़्वाब लिए,
मौन मन में साध लिए
राह नहीं मंजिल बाकी
मकां नहीं बस दिल बाकी
जाने कब से बदल गया मन।

©Da "Divya Tyagi"
  मेरा एकांत 1/365
#Exploration #Trending #da_divya_tyagi

मेरा एकांत 1/365 #Exploration #Trending #da_divya_tyagi

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