जो सबको आता नहीं रास है जिसे पग पग पर टोका जाता है स्वछंद घूमने से रोका जाता है अंकुश लगाकर निश्चित दायरे की हिदायत में छोड़ा जाता है उसका आत्मबल तोड़ा जाता है ज़रा सोचो बिटिया न होगी तो पीढ़ियाँ कैसे बढ़ेंगी... ईश्वर की कृति को समकक्ष समझो देखो रूढ़ियाँ फिर कैसे घटेंगी... — % & नमस्कार लेखकों।😊 राष्ट्रीय बालिका दिवस के इस मौके पर, हमारे #rzhindi के ख़ास पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳