मै ठहरा रहा, तू हवा सी उड़ गई। मै संजोता रहा, तू पंतंग सी कट गई। ख्वाबों की बारात लिए तेरे संग जीने को, मै सांसे गिनता रहा, तू धड़कन सी रुक गई। - सर्वेश मिश्रा दिल को आवाज