स्वस्थ और मजबूत अर्थ को, लेकर चलता वेलेंटाइन। झूठी बातें, कसमें झूठी, तो फिर कैसा अपनापन ।। सुख-दुख विस्मृत कर दो अब तुम, जियो जिंदगी मस्त मगन। स्नेह रहे अपनों से सदा, खुशियों से भरे अवनि-गगन।। वादे,कसमें,बातें,राहें, सब परिवर्तित हों तो क्या। साथ रहो सद स्नेहिल के, मनाओ या नहीं वेलेंटाइन।। 💖 ©SEEMA SINGH Velantene