वो अक्सर मुझसे कहती रहती, नाराज बहुत रहते हो तुम। इक बात बताए पर तुमको हम, अनजान बहुत रहते हो तुम।। टूटे हुए दर्द-ए-दिल का, खूबसूरत मरहम हो तुम। मेरे दिल के मरुस्थल में, नदियों का संगम हो तुम।। ©Sangam Singh #sangamsingh #wait Sakshi Dhingra Adv Suraj Pal Singh Anjali Solanki Bharadava Prashant sAtYaM