फुर्सत जो मिले तो मुझे पढ़ना जरूर क्या तमाशा लगा रखा है तूने ए-बारिश, बरसना ही हे तो जम के बरस, वैसे भी इतनी रिमझिम तो मेरी आँखो से रोज हुआ करती है.. - Rahul Kavi thoda jm ke bars