जीवन में सुख दुख भी धूप छांव की तरह आते रहते, सुख दुःख जीवन रूपी गाड़ी के दो पहिए ग्रंथ कहते। दुख मिले तो घबराना न,सुख मिले तो दंभ मत भरना, दुख के बाद ही सुख आते है,मानव तू चिंता न करना। कभी धूप रूपी दुख मिलते तो कभी छांव रूपी सुख, कुछ भी सदैव एकसा न रहता,हवाएं बदलती है रुख। गर हमें दुख न मिलते तो सुख के अहसास कैसे होते, यदि जीवन में सुख ना मिलते तो दुख कब तक सहते। जीवन भर सुख व दुख का चक्र सदैव चलता रहता है, सद्कर्म से सुख मिलते तो बुरे कर्मो से दुख मिलता है। JP lodhi 30/06/2021 ©J P Lodhi. #Twowords #nojotowriters #Nojotonews #nojototeam #Poetry #sukhdukh #Poetry