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यह धरा भी आज इन्सान से पुकार करती हैं.. हरीयाली स

यह धरा भी आज इन्सान से पुकार करती हैं.. 
हरीयाली से खुद का श्रृंगार करती हैं.. 
कहती है वसुन्धरा, मानव तु न कर हाल मेरे बुरा.. 
में वो जननी हूँ, जो सबको एक समान फ़ल, फ़ुल ,हवा, पानी देती हूँ 
ए इंसान तुझे जीवन देती हैं.. 
जिस पेड़ को तु काट रहा है लोभ में.. 
उस की छाव को तरसता रह जाएगा.. 
यह धरा आज पुकार करती हैं.. 
जो धरा देती हैं तुझको जीवन, वो आज खुद मानव से कहती है...
की दे मुझको जीवन दान..
कर मेरा उत्थान..


एकता चुंडावत..🖊 #WorldEnvironmentDay 
#एकताचुंडावत
#ekta_writer 
#nojotolove
#instagram 
#writersindia
यह धरा भी आज इन्सान से पुकार करती हैं.. 
हरीयाली से खुद का श्रृंगार करती हैं.. 
कहती है वसुन्धरा, मानव तु न कर हाल मेरे बुरा.. 
में वो जननी हूँ, जो सबको एक समान फ़ल, फ़ुल ,हवा, पानी देती हूँ 
ए इंसान तुझे जीवन देती हैं.. 
जिस पेड़ को तु काट रहा है लोभ में.. 
उस की छाव को तरसता रह जाएगा.. 
यह धरा आज पुकार करती हैं.. 
जो धरा देती हैं तुझको जीवन, वो आज खुद मानव से कहती है...
की दे मुझको जीवन दान..
कर मेरा उत्थान..


एकता चुंडावत..🖊 #WorldEnvironmentDay 
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