दीप्ति थी, उद्गम बन कर रह गयी आलोक था, अभिप्राय बन कर रह गया । फ़ज़ल थे, फ़रिश्ता बन कर रह गए लीज़ा थी, लावण्य बन कर रह गयी ।। यश था, यशगान बन कर रह गया रजनी थी, रसपान बन कर रह गयी । सत्यम था, सत्प्राय बन कर रह गया सैरंध्री थी, सरताज़ बन कर रह गयी ।। दीपक थे, दानवीर बन कर रह गए आभा थी, आह्वान बन कर रह गयी । ईश्वर थे, स्वजन बन कर रह गए शिवांगी थी, परिजन बन कर रह गयी ।। #lovelife #togetherness #foreverfriends #alokstates #essentiallydeep #yqbaba #yqdidi Leeza Puri deepti tuli Rajni Kheterpal "सैरंध्री" Fazal Imaan