हम तो सूखे दरख़्त थे जनाब , हमे धुप में सिर्फ जलना था । तुम छांव में खिलते थे गुलाब , तुमको दिलो में पलना था । हमारी , तुम्हारी सोहबत अंगारे बरसाने वाली थी। - राणा © सोहबत हम तो #सूखे #दरख़्त थे #जनाब , हमे #धुप में सिर्फ #जलना था । तुम #छांव में #खिलते थे #गुलाब , तुमको #दिलो में #पलना था । #हमारी , #तुम्हारी #सोहबत #अंगारे #बरसाने वाली थी। - राणा ©