जलना फितरत है हमारी यूँ ही जल रहे हैं। नाक़ाम न रह जाए कोशिश बस राख बनने का इंतजार है।। राख जो बन जाए जिंदगी मुक़म्मल हो जाए। कोई न डरा सके, कस्ती हमारी पार जो एक बार लग जाए।। ©BINOदिनी #jalna #raakh