फिर एक दिवाना आया हैं तुम्हारी कहानियों मे अपना 'किस्सा' सुनाने इश्क की शुरुआत होती हैं ना ही लङक़े-लङकी के टकराने से आैर ना ही किताबो के गिर जाने से Fir ek deewana aaya