वैश्या (एक खुनी संघर्ष ) पढ़े कहानी अनुशीर्षक में । ये उसी की कहानी है। जी हाँ वही अपनी बर्षा घोष। वही बर्षा घोष जो दिल खोलकर हँसती और हंसाती थी। वही बर्षा घोष जिसे समय ने वेश्या बना कर रख दिया। समय की विषमता तो देखिए मैं अपने व्यवसाय से संबंधित किसी काम से कहीं बाहर गया था।